Jay Shri Raam, Aacharya Balmukund, America aur Khalistani Kutta, Rajasthan Sukhdevsinh Gogamedi.. Bas Baatein jo aayi man me vo likh di...

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धार्मिंक कट्टरता धीरे धीरे अपने चरम को प्राप्त कर रही हो ऐसा नहीं लगता आपको? कोई भी धर्म हो,कोई भी पंथ..! कल एक रील देखी गुजराती न्यूज़ की सोसियल मिडिया चेन्नल है, "जमावट" नाम से..! प्रवक्ता कह रही थी, "हिंदु जानबूझ कर मुस्लिमो के एरिया में से अपनी रैलीयां निकालते है, और "जय श्रीराम" के नारे लगाकर उनको उकसाते है, जब की जय श्री राम का नारा प्रेम का पर्याय है, अभिवादन (Greetings) का नारा है...!" तात्पर्य या तो वह जानबूझ कर ऐसे भटकाने वाली बात कर रही थी या वह स्री मुर्ख है..! बाकी बातो में तो मैं उतरना नहीं चाहता पर क्या "जय श्री राम" का नारा वाकई केवल और केवल अभिवादन का नारा है? अब उन दीदी कौन समजाये की भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स जब युद्ध मैदान में जयघोष करती है, अपनी टुकड़ीमें उत्साह का प्रसराव करना हो तब पुरे जोश के साथ नारा लगाते है, "राजा रामचंद्र की जय".. यदि जय श्री राम प्रेम का नारा है तो अब क्या वो राजरीफ वाले राजा रामचंद्र की जय कहके पाकिओ को पप्पी कर लें? कुछ लोग हकीकतमें कौनसी दुनियामें जी रहे है राम ही जाने..!

 

राजस्थान में चुनावी नतीजे के अनुसार भाजपा बहुमत से जीती है, शायद आजकलमे मुख्यमंत्री तय हो जाएगा। जयपुर के हवामहल विधानसभा क्षेत्रसे चुनाव जीत कर विधायक बने बालमुकुंद आचार्य अभी चर्चाओ में आये है..! वैसे तो वे सनातनी परंपरा ओ को निभाते आये है, निभा रहे भी है, लेकिन अब कुछ वामपंथियो को इनसे जलन हो उठी है, वाकिया कुछ ऐसा था कि आचार्य महोदय जयपुर के कुछ इलाकों में विचरण कर रहे थे, कुछ मांसाहारी दुकाने खुली हुई थी, शायद पास में ही कोई मंदिर भी है, तो बलमुकुंदजी ने दुकान वालो से लायसन्स मांग लिया कि भाई लायसन्स दिखाओ..

 

अब लायसेंस दिखाने में ही कुछ मांसाहार विक्रेता इतराने लगे...  लायसेंस दिखाने के वाकिये से ही ट्विटर जो अब "X" कहलाता है उस पर कुछ तत्व आये और बस अपनी बेवकूफी भरी राय देने लगे, एक  मोहतरमा तो यह तक कह चुकी की, ये हिंदुत्ववादी लोग सड़क पर दादागीरी से नंगा नाच करने लगे है.. भाई अब विधायक लायसेंस दिखाने को बोले उसमे कौनसी दादागीरी हुई? पर नहीं, कुछ रुदाली गेंग हर बात में फूट फूट क्र रोती ही है...!

 

लो भाई, एक और समाचार आया है, वो भोंकनेवाला कुत्ता फिर से भोंका है, की 13 दिसंबर तक में भारतीय पार्लियामेंट की नींव हिलायेगा..! अभी थोड़े वक्त पहले ही अमेरिका ने छडे चौक कहा था की इंडियन ख़ुफ़िया एजेंसिका एक आदमी इन्होने पकड़ा है जो उस पागल कुत्ते को मारने आया था, जो अमरिकीओने पकड़ लिया.. फिर क्या.. वो रुदाली गेंगका अमीर ट्रुडो तुरंत कूदा... "हमने तो पहले ही कहा था निज्जर को भारत ने मरवाया है... अब देखो अमरिकामें भी भारत वाला पकड़ा गया..!" अबे यार तुमको क्या लगता है, ख़ुफ़िया एजेंसिया ऐसे काम करती है की आज कुछ तूफानी करने का मन हो रहा है, चलो पहले कोई किलर ढूंढो, उसे पैसे और टारगेट दो, फीर टारगेट का काम तमाम... कोई फिल्म चल रही है क्या? यह अमरीका अपने आप को विश्वनेता बनाये रखने के लिए ही ऐसी ऊंट वाली टेढ़ी चाले चलता रहता है, वरना जो खुद आतंकवाद के नाम पर लाखो बॉम्ब्स इस्लामिक राष्ट्रों पर गिराए, और नोबल का शांति पुरस्कार भी ग्रहण करे वही अमरीका उसी देश में रह रहे उस भोंकने वाले कुत्ते को संरक्षण दे ये कैसे हो..! अमरीका को डर है की भारत का कद बढ़ा और भविष्यमे चाइना में कोई ऐसा राष्ट्रपति आये जो भारत और चाइना के सभी विवादों का हल कर दे और गलती से भी भारत और चाइना एक गठबंधन हो गया तो यूरोप और अमरीका की कोई भी वेल्यू विश्व में  रहेगी नहीं..! इस लिए अमरिका ऐसे कुत्ते पाल के रखता है, जो वक्त आने पर अमरीका के इशारे पर भोंके।

 

ओह, एक और बात, राजस्थानमें एक और काण्ड हो गया..! राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेवसिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई, घर में घुस कर हत्यारो ने गोलिया बरसाई, CCTV वीडिओज़ देखे.. क्या हालत हुई है सुरक्षा व्यवस्था की, कोई भी घर में मिलने के बहाने आता है, और धाँय धाँय धाँय... बस खेल ख़त्म.. सूना है, सुखदेवसिंहने राज्य सरकारसे अपनी सुरक्षा की मांग करी थी, पंजाब सरकार की और से राजस्थान पुलिस को इनपुट भी दिया गया था, लेकिन कहीं कहीं प्रशाशन ने नजरअंदाजी की, और परिणामस्वरूप आज जयपुर क्या पूरा राजस्थान लाखो लोगो ने कब्जे लिया है, सुखदेवसिंह की हत्या के बाद सिर्फ राजपूत समाज नहीं सर्व समाज क्रोधित है की, प्रशासन की स्थिति क्या है की, कोई भी गेंग वाला घर में घुसकर हत्या कर सकता है.. हाँ, मिडिया वाले बता रहे है, लॉरेंस गेंग का कोई था..! लॉरेंस को काफी लोगो ने सोसियल मिडिया में स्टार बना रखा है, मुझे भी लॉरेंस की वह बात खूब पसंद आई थी जब उसने सलमानखान तक को कह दिया था की, "बिश्नोई समाज के मंदिर में आकर माफ़ी मांग ले वर्ना परिणाम अच्छा नहीं होगा..!" सही है, हमारे यहाँ भी एक वाळा समाज है, जो हिरन को पूजते है, माना जाता है, कोई मुग़ल बादशाह ने कसौटी करने हेतु उनकी नजर के सामने उनके सात पुत्रो की आँखे कुचली थी, फिर अन्तमे पता चला की परीक्षा हेतु उस बादशाह ने सात हिरन की आँखों को कुचलवाया था..! तब से वे लोग हिरनो की उस बलिदानी के ऋण हेतु आज भी हिरन को पूजते है, उनका रक्षण करते है, उनका संवर्धन करते है..!

 

चलो आज इतना ही... मिलेंगे फिर कभी इसी लेखनी के सहाय से..!!!


दुश्मनी लाख सही खत्म न कीजे रिश्ता

दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए।

           _निदा फ़ाज़ली

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