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गूढ़ार्थ काव्य की मौज.. - दादुदान गढ़वी || Gudhaarth Kavya ki Mauj ... By Dadudan Gadhvi ||
July 31, 2024
गूढ़ार्थ काव्य की मौज..! मध्यकालीन युगमे हिंदी व्रजभाषी कविओने तथा ड़िंगळी भाषी चारण कविओने थोकबंद काव्यधान भारतभूमि के च…
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' हाकम एक हमीर' ══════════════════ ईस्वीसन 1250में मारवाड़ के खैरगढ़ से गोहिल सेजकजी सौराष्ट्र में आए, …
"स्व. जामसाहब की लाक्षणिकता" ♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦•♦• ♦ Sir Digvijaysinhji Ranjitsinhji Jad…
" लोरी - राजपूती रीत" [पुरोहित शासन से शुरू हुआ राज्यशासन का युग आज लोकशाही तक पहुँच गया है। मध्ययुग में तकरी…