नवरात्रि आ रही है, मन मे नया उमंग है.. || NAVRATRI...
नवरात्रि आ रही है प्रियंवदा ! मन मे नया उमंग है.. उत्साह भी है.. हमारे यहां वही पुरानी रीति चली आ रही है। न कोई बड़ा विश…
नवरात्रि आ रही है प्रियंवदा ! मन मे नया उमंग है.. उत्साह भी है.. हमारे यहां वही पुरानी रीति चली आ रही है। न कोई बड़ा विश…
स्थिरता में व्यक्ति क्या ही सोचे ? क्यों ? क्योंकि हमे चंचल मन की ही आदत है..! स्थिर मन को हमने कुछ ही क्षणों के लिए अन…
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा.. - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ निराशा से घिरे हुए …
एक प्रश्न... प्रत्येक विषय में निपुणता इतनी आवश्यक है क्या ? वैसे तो मैं हर विषय में थोड़ा थोड़ा टहलता रहता हूं, पर किसी …
रंग या वर्ण... गरबा या डांस ? भारतीय उपमहाद्वीप पर वर्षो से बाहरी प्रजा आती रही है। जिस स्थान से, जिस आबोहवा में आप बड़े…
कभी कभी ईर्ष्या सी होती है..! कोई कुछ कर पा रहा है तो मैं क्यों नहीं ? किसी के सहयोग से ही कुछ न कुछ लिख रहा हूं ! ऐसा …
प्रियंवदा ! मुझमे कई सारी खामियां है, गिनने बैठु तो सुबह हो जाए.. पर अब उन खामियों को ठीक करने का समय नहीं है। समय ही ब…
परिवर्तन से परहेज किसी की डायरी पढ़ने में मजा तो बहुत आता है.. गुजराती में 'पंचात' भी कह सकते ऐसी क्रियाओं को.. …
ऐसा भी होता है की कभी कोई बिलकुल तुम जैसा ही मिल जाए तब एक ही बार में ढेर सारी चर्चा हो जाती है, क्योंकि तुम्हारी पसंद …
क्या हो जब तुम्हारे शब्द तुम्हारा साथ छोड़ दे.. मैं कुछ दिनों से प्रियंवदा से ही बाते करने लगा हूं, क्यों ? सह…
कई बार आकर्षण को प्रेम के नाम पर बेचा जाता है.. और यह कार्य करते है हम जैसे कथित लेखक या कवि। कान पर पहने देढ़सो रुपये क…
ન જાણ્યું જાનકીનાથે કાલે શું થવાનું...! રાહ જોતી રહેવી કાંઈ સરળ છે ? એક એક પળ જાણે યુગ જાતો કળાય. કોણ જાણે કેમ પણ એક પ્…
विश्वास.. विश्वास पर क्या लिखा जाए ? यही की कच्चे सूती से भी कमजोर होता है विश्वास, धक्के मात्र से टूट जाए। या यूं कहूँ…
भादो की उजियारी चौदस का चंद्र व्योम में निर्विघ्न विचर रहा है.. पवन की गति सामान्य से कुछ अधिक है। खुला मैदान, घास की ब…